पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ एक बार फिर चर्चा में हैं। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई है।





पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ एक बार फिर चर्चा में हैं। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई है।


12 अक्तूबर 1999 को मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट किया था। नवंबर 2007 में संविधान से इतर आपातकाल लागू किया। इसी आरोप में उनपर राजद्रोह का केस चल रहा था। उन्होंने देश में आपातकाल लागू करने के बाद मार्शल लॉ भी लगा दिया था।आइए बताते हैं कि मुशर्रफ ने कब नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट किया था और किस तरह खुद ही राष्ट्रपति बन बैठे थे और अब उन्हें सजा ए मौत सुना दी गई।● 12 अक्तूबर 1999: परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट किया। 
जून 2001: मुशर्रफ ने खुद को देश का राष्ट्रपति घोषित किया।
3 नवंबर 2007: परवेज मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लागू करते हुए 1973 के संविधान को निलंबित कर दिया।
28 नवंबर 2007: मुशर्रफ पूरी तरह राजनीति में चले गए। जनरल अशफाक कियानी को आर्मी की कमान सौंपी।
29 नवंबर 2007: पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
15 दिसंबर 2007: मुशर्रफ ने आपातकाल हटाया, अल्पकालीन संवैधानिक आदेश (पीसीओ) हटाया और आपातकाल के 42 दिनों के दौरान लिए गए फैसलों को संवैधानिक जामा पहनाया।
18 अगस्त 2008: 9 साल के शासन के बाद इस्तीफा दिया ताकि महाभियोग से बच सकें।
31 जुलाई 2009: सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि 3 नवंबर 2007 को आपातकाल लागू करना पूरी तरह असंवैधानिक था। कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा।
6 अगस्त 2009: जवाब देने से इनकार करते हुए मुशर्रफ इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए।
8 जून 2010: अपनी पार्टी APML लॉन्च की, मुशर्रफ इसके अध्यक्ष बने।
24 मार्च 2013: आम चुनाव के लिए मुशर्रफ पाकिस्तान लौटे।
: 29 मार्च 2013: सिंध हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की जमानत अवधि बढ़ाई साथ ही कहा कि वह बिना इजाजत देश नहीं छोड़ सकते।
5 अप्रैल 2013: सुप्रीम कोर्ट मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई के लिए तैयार हुआ।
7 अप्रैल 2013: चीफ जस्टिस इफ्तिखार मो. चौधरी ने खुद को तीन सदस्यीय सुनवाई बेंच से अलग कर लिया।
18 अप्रैल 2013: जमानत याचिका खारिज होने पर मुशर्रफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से फरार हुए।
19 अप्रैल 2013: मुशर्रफ ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इस्लामाबाद के चक शहजाद में उनका फार्महाउस सील किया गया। इसे ही जेल में तब्दील कर दिया गया।
30 अप्रैल 2013: पेशावर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ को सीनेट और नेशनल असेंबली चुनाव लड़ने से रोका।
24 जून 2013: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट से मुशर्रफ के खिलाफ आर्टिकल 6 के तहत केस चलाने की मांग करेगी।
18 नवंबर 2013: मुशर्रफ पर देशद्रोह केस की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की अगुवाई में विशेष ट्रिब्यूनल के गठन पर राजी हुआ।
2 जनवरी 2014: अदालत ले जाते वक्त मुशर्रफ ने दिल की बीमारी की बात उठाई जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।
18 फरवरी 2014: लगातार 22 सुनवाई में गैरमौजूद रहे मुशर्रफ आखिर अदालत में पेश हुए लेकिन उनके खिलाफ आरोप तय नहीं हुए।
14 मई 2014: फेडरल इनवेस्टीगेशन एजेंसी ने कहा कि मुशर्रफ द्वारा 2007 में गैरकानून रूप से आपातकाल लागू करने के संबंध में अकाट्य सबूत हैं।
22 दिसंबर 2015: मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने आर्मी चीफ अशफाक परवेज कियानी और दूसरे नेताओँ से सलाह मश्विरा करने के बाद आपातकाल लगाया।
18 मार्च 2016: अदालत से मंजूरी के बाद मुशर्रफ मेडिकल आधार पर दुबई के लिए रवाना हो गए।
11 मई 2016: विशेष अदालत ने मुशर्रफ को देशद्रोह केस में भगोड़ा घोषित किया।
8 अक्तूबर 2019: विशेष अदालत ने रोजाना सुनवाई का फैसला किया।
19 नवंबर 2019: विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए कहा कि फैसला 28 नवंबर को सुनाया जाएगा।
23 नवंबर 2019: मुशर्रफ ने अदालती कार्यवाही के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में अपील की।
26 नवंबर 2019: लाहौर हाईकोर्ट मुशर्रफ की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया।
27 नवंबर 2019: इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने विशेष अदालत को मुशर्रफ पर फैसला देने से रोका।
दिसंबर 2019: विशेष अदालत ने कहा कि वह 17 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी। मुशर्रफ ने ट्रायल पर रोक के लिए लाहौर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई।
17 दिसंबर 2019: विशेष अदालत ने देशद्रोह मामले में मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई







 






 














 



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